The Basic Principles Of sidh kunjika
The Basic Principles Of sidh kunjika
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देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
ऐं-कारी सृष्टि-रूपायै, ह्रींकारी प्रतिपालिका।
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
ओं अस्य श्री कुञ्जिका स्तोत्रमन्त्रस्य सदाशिव ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, श्रीत्रिगुणात्मिका देवता, ओं ऐं बीजं, ओं ह्रीं शक्तिः, ओं क्लीं कीलकम्, मम सर्वाभीष्टसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका ।
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं. धन लाभ, विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी में पदोन्नति, अच्छी check here सेहत, कर्ज से मुक्ति, यश-बल में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण होती है.